Zomato Food Rescue Initiative: आज के दौर में ऑनलाइन खाद्य डिलीवरी के बढ़ते चलन के साथ ही एक बड़ी समस्या भी सामने आई है। ऑर्डर कैंसिल होने के कारण बड़े पैमाने पर खाने की बर्बादी। ग्राहक अक्सर अपने ऑर्डर को बीच रास्ते में कैंसल कर देते हैं, जिससे खाना न तो रेस्टोरेंट में वापस जा पाता है और न ही किसी और के काम आता है। Zomato ने Food Rescue Mission नामक एक नई पहल शुरू की है जो इस समस्या का समाधान खोजने में काफी हद तक कारगर साबित है।
क्या है Zomato का फूड रेस्क्यू मिशन?
Zomato का यह फूड रेस्क्यू मिशन कैंसल हुए ऑर्डर को बर्बाद होने से बचाने की कोशिश है। इस पहल के तहत, अगर कोई ग्राहक ऑर्डर करने के बाद उसे कैंसल कर देता है, तो वो ऑर्डर बिना बर्बाद हुए दूसरे ग्राहकों को बेहद आकर्षक कीमत पर ऑफर किया जाएगा। जोमैटो का यह कदम न केवल खाने की बर्बादी को रोकता है, बल्कि नए ग्राहकों को सस्ते दाम पर खाना भी उपलब्ध कराता है।
कैसे काम करता है Zomato का फूड रेस्क्यू सिस्टम?
जैसे ही कोई ऑर्डर कैंसल होता है, Zomato ऐप पर 3 किलोमीटर के दायरे में मौजूद ग्राहकों को एक पॉपअप मैसेज के जरिए उस कैंसल किए गए ऑर्डर के बारे में सूचित किया जाता है। ये पॉपअप केवल कुछ मिनटों के लिए ही उपलब्ध रहता है, ताकि ग्राहक जल्द से जल्द इस ऑर्डर को क्लेम कर सकें और खाना फ्रेश रहे। ध्यान देने वाली बात यह है कि जो ग्राहक पहले से ऑर्डर कर चुका था या जो उसके आसपास के करीबी लोग हैं, वे इस ऑर्डर को क्लेम नहीं कर सकेंगे।
ग्राहक के लिए Zomato के लाभ और सुरक्षा उपाय
कैंसल हुए ऑर्डर को क्लेम करने वाले नए ग्राहक को सस्ते दाम में वो खाना मिलता है, जिसे पहले ऑर्डर किया गया था। इस प्रक्रिया में ग्राहक का पेमेंट रेस्टोरेंट पार्टनर और ऑरिजिनल ग्राहक के बीच बाँटा जाएगा (अगर ऑरिजिनल ग्राहक ने ऑनलाइन पेमेंट किया हो)। Zomato इस प्रक्रिया में कोई अतिरिक्त चार्ज या फीस नहीं लेता, सिवाय सरकारी टैक्स के। फूड रेस्क्यू में आइसक्रीम, शेक जैसे जल्दी खराब होने वाले प्रोडक्ट्स को शामिल नहीं किया जाता ताकि खाने की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
We don't encourage order cancellation at Zomato, because it leads to a tremendous amount of food wastage.
— Deepinder Goyal (@deepigoyal) November 10, 2024
Inspite of stringent policies, and and a no-refund policy for cancellations, more than 4 lakh perfectly good orders get canceled on Zomato, for various reasons by customers.… pic.twitter.com/fGFQQNgzGJ
ऑर्डर कैंसिलेशन की समस्या और संकल्प
Zomato के को-फाउंडर दीपिंदर गोयल ने इस पहल के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि Zomato में हर महीने करीब 4 लाख ऑर्डर अलग-अलग कारणों से बीच रास्ते में ही कैंसल कर दिए जाते हैं। इसके चलते खाने की बर्बादी एक बड़ी समस्या बन गई है। दीपिंदर ने कहा कि Zomato ऑर्डर कैंसिलेशन को कतई बढ़ावा नहीं देता है और कंपनी इस स्थिति का समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध है। फूड रेस्क्यू पहल का उद्देश्य भी इसी समस्या का हल ढूंढना है।
Zomato का सामाजिक उत्तरदायित्व
Zomato की फूड रेस्क्यू पहल ना केवल खाने की बर्बादी को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह कंपनी के सामाजिक उत्तरदायित्व को भी दर्शाता है। यह पहल अन्य फूड डिलीवरी कंपनियों के लिए भी एक प्रेरणा साबित हो सकती है, जो इस तरह की समस्याओं से जूझ रही हैं। अगर Zomato का यह प्रयोग सफल रहता है, तो यह भविष्य में अन्य कंपनियों और सरकारों को भी खाने की बर्बादी रोकने के लिए ऐसे ही कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
इस पहल से जुड़े कुछ खास बिंदु
- फूड रेस्क्यू पहल का मुख्य उद्देश्य ऑर्डर कैंसिलेशन से होने वाली खाने की बर्बादी को रोकना है।
- इस पहल में ऑर्डर कैंसिल होने पर 3 किलोमीटर के दायरे में मौजूद ग्राहकों को सस्ते दाम पर खाना ऑफर किया जाता है।
- Zomato इस प्रक्रिया में कोई अतिरिक्त कमाई नहीं करता है; ग्राहक का पेमेंट रेस्टोरेंट और ऑरिजिनल ग्राहक के बीच बांटा जाता है।
- जल्दी खराब होने वाले प्रोडक्ट्स जैसे आइसक्रीम और शेक्स को इस पहल में शामिल नहीं किया गया है।
Zomato की यह नई पहल खाने की बर्बादी पर नियंत्रण पाने में कितना सफल हो पाती है, ये तो समय ही बताएगा, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि Zomato ने एक सकारात्मक और सराहनीय कदम उठाया है।
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