Career News | Sept 25,2025 | CBSE 2026 Datesheet को लेकर छात्रों और अभिभावकों ने चिंता जताई है। प्रमुख विषयों जैसे विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, फिजिक्स और अर्थशास्त्र के बीच कम गैप से तनाव बढ़ रहा है। विशेषज्ञों ने छात्रों को लंबी अवधि की तैयारी पर जोर देने की सलाह दी।
CBSE 2026 Datesheet जारी होने के बाद बढ़ा विवाद
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2026 की बोर्ड परीक्षाओं की डेटशीट जारी कर दी है। हालांकि पहली नज़र में यह सुव्यवस्थित लगती है, लेकिन गहन अध्ययन के बाद छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने चिंता जताई है। मुख्य आपत्ति इस बात पर है कि कई अहम विषयों के बीच पर्याप्त गैप नहीं दिया गया है।
कक्षा 10 के छात्रों की सबसे बड़ी परेशानी
कक्षा 10 के छात्रों के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि भाषा विषयों (उर्दू कोर्स ए, पंजाबी, तमिल, मराठी, गुजराती आदि) की परीक्षा 24 फरवरी को है और उसके अगले ही दिन यानी 25 फरवरी को विज्ञान की परीक्षा रखी गई है। इसका मतलब है कि छात्रों को विज्ञान जैसे कठिन विषय के लिए तैयारी का अतिरिक्त दिन नहीं मिलेगा। इसी तरह, सामाजिक विज्ञान का पेपर भी भाषा परीक्षा के ठीक अगले दिन है, जिससे छात्रों को दो कठिन विषयों के बीच पर्याप्त समय नहीं मिलेगा।
कक्षा 12 की डेटशीट पर भी सवाल
CBSE 2026 Datesheet को लेकर कक्षा 12 के छात्रों ने भी आपत्ति जताई है। विज्ञान वर्ग के छात्रों का कहना है कि फिजिक्स की परीक्षा ठीक फिजिकल एजुकेशन के अगले दिन रखी गई है। छात्रों का तर्क है कि फिजिक्स जैसे कठिन विषय के लिए अधिक रिवीजन समय मिलना चाहिए था। इसके अलावा, अर्थशास्त्र का पेपर भाषा विषय के अगले दिन निर्धारित है, जिससे छात्रों को तैयारी का पर्याप्त मौका नहीं मिल रहा।
Big Update from #CBSE
— CBSE HQ (@cbseindia29) September 24, 2025
Tentative Date Sheets for Class X & XII 2026
MORE details at https://t.co/Mgv75k9CQ6 pic.twitter.com/SAqQFVoChW
शिक्षकों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि CBSE 2026 Datesheet में बैक-टू-बैक परीक्षाओं का पैटर्न छात्रों के तनाव को बढ़ा सकता है। खासकर विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, फिजिक्स और इकोनॉमिक्स जैसे उच्च स्तर के विषयों के लिए एक अतिरिक्त तैयारी दिवस बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। वहीं कुछ शिक्षकों का कहना है कि यदि छात्र लंबी अवधि की रणनीति बनाकर पढ़ाई करें, तो इस शेड्यूल को संभाला जा सकता है।
बोर्ड का पक्ष और आगे की चुनौती
CBSE का तर्क है कि डेटशीट तैयार करते समय बोर्ड ने सभी विषयों, क्षेत्रों और संभावित परीक्षार्थियों की संख्या का ध्यान रखा है। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी प्रवेश परीक्षाओं जैसे JEE Main को ध्यान में रखने की कोशिश की जाएगी। हालांकि, JEE Main 2026 की तारीखें अभी घोषित नहीं हुई हैं, जिससे छात्रों में अतिरिक्त असमंजस बना हुआ है। फिलहाल, CBSE 2026 Datesheet के आधार पर छात्रों को लगातार तैयारी करने और केवल गैप पर निर्भर न रहने की सलाह दी जा रही है।
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परीक्षाओं का पैमाना और तैयारी की सलाह
2026 में कक्षा 10 और 12 की परीक्षाओं में लगभग 45 लाख छात्र शामिल होंगे। ये परीक्षाएं भारत समेत 26 देशों में आयोजित की जाएंगी और कुल 204 विषयों में होंगी। शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि छात्रों को चाहिए कि वे निरंतर पुनरावृत्ति की आदत डालें और परीक्षा तिथियों के बीच मिलने वाले सीमित समय का अधिकतम उपयोग करें।
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CBSE के बारे में अधिक जानकारी आप Wikipedia से भी ले सकते है|
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