english poem दास्ताने-दिनकर : युगों-युगों से सिने में आग लिए ClicK Me FoR WoW VideO... युगों - युगों से सिने में आग लिए , मैं पल - पल जलता - पिघलता हूँ …
english poem परछाई,महबूबा यूँही नहीं तुम पर मरेगी एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी, अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी, समीर को न गिला न शिकवा ह…