MARS Reserve Water Discovery: मंगल पर पानी की खोज का ऐतिहासिक क्षण, वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर पानी का विशाल भंडार खोजने में सफलता हासिल की है, जो अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
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इस खोज ने लाल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को नई दिशा दी है। मंगल ग्रह पर पानी की मौजूदगी के प्रमाण एक क्रिस्टल से मिले हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि ग्रह के निर्माण के समय से ही वहां पानी मौजूद था।
मंगल पर पानी की खोज का इतिहास:
मंगल ग्रह पर पहली बार 1970 के दशक में नासा के मेरिनर 9 अंतरिक्ष यान ने नदी घाटियों की तस्वीरें खींची थीं। इसके बाद मार्स ग्लोबल सर्वेयर और मार्स एक्सप्रेस जैसे ऑर्बिटल मिशनों ने 'हाइड्रेटेड क्ले मिनरल्स' की उपस्थिति दर्ज की। यह प्रमुख रूप से नोआचियन इलाकों में पाए गए, जो मंगल ग्रह के लगभग 45 प्रतिशत क्षेत्र को कवर करते हैं।
मंगल की भूवैज्ञानिक समय-सीमा:
मंगल ग्रह का निर्माण पृथ्वी की तरह करीब 4.5 अरब वर्ष पहले हुआ था। इसके भूवैज्ञानिक समय को चार युगों में बांटा गया है:
- प्री-नोआचियन (4.5 अरब से 4.1 अरब साल पहले)
- नोआचियन (4.1 अरब से 3.7 अरब साल पहले)
- हेस्पेरियन (3.7 अरब से 3 अरब साल पहले)
- अमेजोनियन (3 अरब साल पहले से वर्तमान तक)
4.45 अरब साल पहले का महासागर:
अध्ययन से संकेत मिलता है कि मंगल ग्रह पर 4.45 अरब वर्ष पहले एक वैश्विक महासागर हो सकता है। यह भी संभावना है कि ग्रह के बनने के तुरंत बाद ही पानी उसकी सतह पर मौजूद था। पृथ्वी की तरह, पानी को जीवन के लिए आवश्यक घटक माना जाता है।
उल्कापिंडों से मिले पानी के प्रमाण:
मंगल ग्रह से गिरे उल्कापिंडों में मिले खनिज जिरकोन ने यह खुलासा किया है कि 4.45 अरब साल पहले, जब यह क्रिस्टल बना था, तब पानी मौजूद था। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस खोज ने मंगल पर पानी के शुरुआती इतिहास को उजागर करने में मदद की है।
क्या कहता है अध्ययन?
शोधकर्ताओं का मानना है कि मंगल ग्रह पर मैग्माटिक हाइड्रोथर्मल प्रणालियां उसके बनने के समय सक्रिय थीं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सतह पर पानी स्थिर था या नहीं, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि मंगल पर पानी की उपस्थिति रहने योग्य पर्यावरण की संभावनाओं को मजबूत करती है।
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