New Delhi: भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक अलग इतिहास लिखा है। ISRO ने सोमवार रात गहरी नींद में GSAT-20 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक लॉन्च किया। विशेष रूप से, ISRO ने इस मिशन में एलन मस्क की कंपनी SpaceX का फाल्कन 9 रॉकेट प्रयोग किया। यह लॉन्च भारत और स्पेसएक्स के बीच पहली व्यावसायिक साझेदारी है।
सैटेलाइट की प्रमुख विशेषताएं:
विशेषता | विवरण |
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वजन | 4700 किलोग्राम |
मिशन लाइफ | 14 साल |
थ्रूपुट क्षमता | 48 Gbps (केए-बैंड हाई-थ्रूपुट पेलोड के साथ) |
बीम की संख्या | 32 यूजर बीम: 8 नैरो स्पॉट बीम (पूर्वोत्तर क्षेत्र), 24 वाइड स्पॉट बीम |
किसने डेवलप किया? | न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL), ISRO की कमर्शियल शाखा |
लॉन्च व्हीकल | SpaceX Falcon 9 रॉकेट |
ISRO ने SpaceX के साथ क्यों किया कोलैबोरेशन?
ISRO का अपना Mark-3 लॉन्च व्हीकल अधिकतम 4000 किलोग्राम वजन तक ही ले जा सकता है। लेकिन GSAT-20 का वजन 4700 किलोग्राम है। इसलिए इस मिशन के लिए SpaceX के Falcon 9 रॉकेट का सहारा लिया गया।
यह भारत और SpaceX के बीच पहला बड़ा कमर्शियल कोलैबोरेशन है।
Video देखें
Deployment of @NSIL_India GSAT-N2 confirmed pic.twitter.com/AHYjp9Zn6S
— SpaceX (@SpaceX) November 18, 2024
GSAT-20 की डिजाइन और लाभ:
>भारत की डिजिटल क्रांति में योगदान
GSAT-20 सैटेलाइट को भारत के ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में डेटा और इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है।
यह इन-फ्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे हवाई यात्रा के दौरान यात्री वाई-फाई सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे।
भारत में उतरने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अब इंटरनेट सेवाओं को बंद करने की आवश्यकता नहीं होगी।
उच्च क्षमता वाला सैटेलाइट:
सैटेलाइट का 48 Gbps का थ्रूपुट केए-बैंड में काम करता है।
यह छोटे यूजर टर्मिनल्स के माध्यम से बड़े यूजर बेस को सपोर्ट करेगा।
ग्लोबल इन-फ्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी का विस्तार
ISRO के विशेषज्ञों के अनुसार, GSAT-20 सैटेलाइट भारत के ऊपर इन-फ्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार करेगा, जिससे हवाई यात्रियों को बेहतर डिजिटल अनुभव मिलेगा।
GSAT-20 से क्या लाभ मिलेगा?
अंतरिक्ष कनेक्टिविटी:
3,000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले विमानों में अब इंटरनेट सेवाओं का उपयोग किया जा सकता है। नए नियमों के अनुसार, यात्री अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर वाई-फाई का उपयोग कर सकते हैं। दूर-दराज के क्षेत्रों तक इंटरनेट पहुँच: यह नेटवर्क पूरे भारत को इंटरनेट और डेटा सेवाएं देगा। आज की तकनीक का उपयोग: यह केए-बैंड में काम करता है और भारत का सबसे अधिक थ्रूपुट वाला सैटेलाइट है।डॉ. एम. शंकरन, यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक, ने कहा: "यह सैटेलाइट भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है।" यह भारत की तकनीकी क्षमता को दिखाता है और हमारी वैश्विक शक्ति को बढ़ाता है।"
GSAT-20 से भविष्य की उम्मीदें
ISRO का GSAT-20 सैटेलाइट भारत की डिजिटल क्रांति में मील का पत्थर साबित होगा। यह देशभर में कनेक्टिविटी और इंटरनेट सेवाओं को बेहतर बनाएगा। साथ ही, यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को स्पेस टेक्नोलॉजी में एक अग्रणी स्थान पर ले जाएगा।
Space India Limited: "GSAT-20 सैटेलाइट की लॉन्चिंग ने भारत को इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बहुत बढ़ावा दिया है।
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