Indore-Ujjain Six Lane Project: सिंहस्थ 2028 से पहले, कटेंगे 3000 पेड़

Indore-Ujjain Six Lane Project: यह एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जो मध्य प्रदेश के यातायात, पर्यटन और आर्थिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। सिंहस्थ 2028 से पहले इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का उद्देश्य यात्रियों और श्रद्धालुओं को सुरक्षित और तेज़ यात्रा की सुविधा प्रदान करना है। पर्यावरण संतुलन को बनाए रखते हुए इस प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे इंदौर और उज्जैन के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

मध्य प्रदेश में Indore-Ujjain Six Lane Project के तहत इंदौर और उज्जैन के बीच यातायात को सुगम और तेज़ बनाने के लिए सिक्स लेन रोड का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना के लिए 3000 पेड़ काटने और बिजली के खंभे व ट्रांसफॉर्मर्स को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। Simhastha 2028 के आयोजन को ध्यान में रखते हुए इस प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करना प्राथमिकता है।

एमपी रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) ने इस परियोजना के तहत पेड़ों की गिनती पूरी कर ली है और संबंधित जिलों के कलेक्टरों से अनुमति मांगी है। इसके साथ ही बिजली के खंभों और ट्रांसफॉर्मर्स की शिफ्टिंग के लिए भी योजना बनाई गई है, ताकि निर्माण कार्य में किसी प्रकार की बाधा न आए। इस काम को नवंबर-दिसंबर तक गति देने की योजना है ताकि निर्माण कार्य समय पर शुरू हो सके।

सिक्स लेन रोड से घटेगा यात्रा का समय

यह नया सिक्स लेन रोड इंदौर के अरबिंदो अस्पताल से उज्जैन के हरिफाटक ब्रिज तक 55 किलोमीटर की लंबाई में बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को कम करना और यातायात को सुगम बनाना है। वर्तमान में फोर लेन रोड पर इंदौर से उज्जैन पहुंचने में 60 से 70 मिनट का समय लगता है। नए सिक्स लेन रोड के बनने से यह समय घटकर 40 से 45 मिनट हो जाएगा, जिससे यात्रियों को अधिक सुविधा होगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की अनुमानित लागत 700 करोड़ रुपये है और इसे 2028 के सिंहस्थ मेले से पहले पूरा करने का लक्ष्य है।

प्रोजेक्ट विवरणविवरण
सड़क की लंबाई55 किलोमीटर
अनुमानित लागत700 करोड़ रुपये
निर्माण का उद्देश्ययातायात सुगमता और समय की बचत
अनुमानित समय2028 (सिंहस्थ से पहले)

पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान

पेड़ काटने के संदर्भ में एमपीआरडीसी के महाप्रबंधक राकेश जैन ने बताया कि इन 3000 पेड़ों को काटने में कोई समस्या नहीं है, क्योंकि ये पेड़ एमपीआरडीसी की ही भूमि पर हैं। इन पेड़ों को हटाने के बाद परियोजना स्थल पर नए पौधों का रोपण किया जाएगा, ताकि पर्यावरण को हानि न हो। एमपीआरडीसी इस प्रक्रिया में सभी पर्यावरण संरक्षण नियमों का पालन करेगा और पेड़ कटाई के बाद बड़े स्तर पर पौधारोपण की योजना बनाई जा रही है। साथ ही, बिजली के खंभों और ट्रांसफॉर्मर्स की शिफ्टिंग का कार्य भी समानांतर रूप से जारी है, ताकि परियोजना में किसी प्रकार की देरी न हो।

क्षेत्रीय विकास की संभावनाएं

Indore-Ujjain Six Lane Project से न केवल यातायात को सुगम बनाने का प्रयास है, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास की संभावनाओं को भी बढ़ावा मिलेगा। इस मार्ग के चौड़े और आधुनिक होने से दोनों शहरों के बीच उद्योग, व्यापार और पर्यटन को नई गति मिलेगी। विशेषकर सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजन के दौरान यह रोड एक अहम भूमिका निभाएगा। एमपीआरडीसी का दावा है कि इस रोड के निर्माण से यात्रा समय घटने के साथ-साथ सड़क सुरक्षा में भी सुधार होगा। इस परियोजना के साथ राज्य के विकास में एक बड़ा कदम साबित होगा, जिससे यातायात की गति और सुरक्षा में सुधार होगा।


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