hindi kavita
जाने क्यूँ ये दर्द,मीठा-मीठा-सा लगता है
जाने क्यूँ ये दर्द, मीठा-मीठा -सा लगता है हर ज़ख्म पर कोई, मिश्री घोल रहा हो जैसे अपने ही आंसुओं पर,…
जाने क्यूँ ये दर्द, मीठा-मीठा -सा लगता है हर ज़ख्म पर कोई, मिश्री घोल रहा हो जैसे अपने ही आंसुओं पर,…
यु ट्यूब में नहाकर आई हो, या देसी ठर्रा पीकर आई हो, गूगल गम खाकर आई हो, या कोलावेरी डी गाकर आई…
काश, की मेरे सिने में भी दिल होता, मेरे ना सही, किसी और के सिने में धड़कता, उसके एहसासों का मनचला मं…