hindi kavita जाने क्यूँ ये दर्द,मीठा-मीठा-सा लगता है जाने क्यूँ ये दर्द, मीठा-मीठा -सा लगता है हर ज़ख्म पर कोई, मिश्री घोल रहा हो जैसे अपने ही आंसुओं पर,…
funny hindi poem महज चेचिस पर ही झुर्रियों ने ली अंगड़ाई है महज चेचिस पर ही झुर्रियों ने ली अंगड़ाई है महज हाड़-मांस में ही कल-पुर्जों की हुई घिसाई है बाखुदा मो…