hindi kavita kosh

सोचने का अंदाज़ बदलो,बस

सोचने का अंदाज़ बदलो दुनिया बदल जायेगी शुलों को गुलों में बदलते चलो मंजिल खुद दोड़ी चली आएगी दुश्मन …

मेरी जान-सर्च इंजन

यु ट्यूब में नहाकर आई हो, या देसी ठर्रा पीकर आई हो,   गूगल गम खाकर आई हो, या कोलावेरी डी गाकर आई…

That is All