Ladakh Students Protest Live: पूर्ण राज्य की मांग पर हिंसक प्रदर्शन, 4 की मौत और 70 से अधिक घायल

 India News | Sept 24, 2025 | Ladakh Students Protest Live: लद्दाख में पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लेह में हिंसक प्रदर्शन हुआ। इसमें 4 लोगों की मौत और 70 से ज्यादा लोग घायल हुए। जानें पूर्ण राज्य (Poorna Rajya) के फायदे, प्रदर्शन की वजह और ताज़ा अपडेट।

पूर्ण राज्य (Poorna Rajya) का दर्जा प्राप्त किसी भी क्षेत्र को अपनी सरकार, विधानसभा, मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद चुनने का अधिकार होता है। राज्य अपने क्षेत्र में कानून बनाने, संशोधित करने और निरस्त करने का अधिकार रखता है।

इसके उलट, केंद्र शासित प्रदेशों (Union Territories) के अधिकार सीमित होते हैं और कई मामलों में उन्हें केंद्र सरकार पर निर्भर रहना पड़ता है।

लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन

बुधवार को लद्दाख में पूर्ण राज्य की मांग को लेकर लेह में विरोध प्रदर्शन हुआ, जो धीरे-धीरे हिंसक हो गया।

  • पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई।
  • 4 लोगों की मौत और 70 से अधिक लोग घायल हो गए।
  • छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की और भाजपा ऑफिस व CRPF की गाड़ी में आग लगा दी।
  • हालात बिगड़ने पर प्रशासन ने बिना अनुमति रैली और प्रदर्शन पर बैन लगा दिया।
  • सोनम वांगचुक के समर्थन में प्रदर्शन

यह आंदोलन सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के समर्थन में हुआ, जो पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे।

वांगचुक ने हिंसा के बाद अनशन तोड़ते हुए कहा:

"यह लद्दाख के लिए दुख का दिन है। पांच साल से हम शांति के रास्ते पर थे, लेकिन आज हिंसा और आगजनी ने उस संदेश को कमजोर कर दिया है। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि हिंसा का रास्ता छोड़ें।"

सोशल मीडिया से भीड़ जुटाई गई

  • आंदोलनकारियों ने लद्दाख बंद का आह्वान सोशल मीडिया के जरिए किया।
  • बड़ी संख्या में लोग लेह हिल काउंसिल पहुंचे।
  • पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए, लेकिन भीड़ ने उन्हें तोड़ दिया।
  • स्थिति बेकाबू होने पर पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी, लेकिन भीड़ ने गाड़ियों में आग लगा दी।

प्रशासन की कार्रवाई

लेह जिला प्रशासन ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 लागू कर दी।

अब बिना अनुमति रैली, जुलूस और पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी रहेगी।

किसी भी भड़काऊ बयान या गतिविधि पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता शेख बशीर अहमद ने कहा:

"लोग शुरुआत से ही इस फैसले का विरोध कर रहे थे। मांगों को अनसुना करने की वजह से यह स्थिति बनी।"

विधायक तनवीर सादिक ने कहा:

"लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के मुद्दों को गलत तरीके से संभाला जा रहा है। हम हिंसा की निंदा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार जल्द बातचीत करेगी।"

2019 का फैसला और मौजूदा हालात

साल 2019 में अनुच्छेद 370 और 35A हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। उस समय सरकार ने भरोसा दिलाया था कि हालात सामान्य होने पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। लेकिन पांच साल बाद भी यह मांग पूरी नहीं हुई, जिसके चलते असंतोष बढ़ा है।


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