सार - Shirel Golan Death Case ने इजराइल में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले में बचने वाली शिरेल गोलन ने अपने 22वें जन्मदिन पर आत्महत्या कर ली, जिससे पूरे देश में हलचल मच गई। उनकी इस दुखद मौत से नेतन्याहू सरकार पर उंगलियां उठने लगी हैं। शिरेल गोलन के परिवार ने सरकार पर सही समय पर मदद न करने का आरोप लगाया है, जिसके चलते उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
विस्तार
Shirel Golan Death Case: पीटीएसडी ने छीनी ज़िंदगी
Shirel Golan Death Case में शिरेल गोलन, जो कि हमास के हमले से बची थीं, पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) का शिकार हो गई थीं। उनके भाई इयाल ने बताया कि हमले के बाद से ही शिरेल बेहद तनाव में थीं। वह अकेले रहना चाहती थीं और दोस्तों से मिलना-जुलना छोड़ दिया था। उनका मानसिक स्वास्थ्य धीरे-धीरे बिगड़ता जा रहा था, लेकिन सरकार से उन्हें कोई मदद नहीं मिली। इयाल ने कहा, "अगर उसे सही समय पर मदद मिल जाती, तो आज वो हमारे साथ होती।"
शिरेल गोलन के परिवार का सरकार पर आरोप
Shirel Golan Death Case ने इजराइल की नेतन्याहू सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इयाल ने आगे कहा कि सरकार को अब जागने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि शिरेल को हमले के बाद दो बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई उचित सहायता नहीं मिली। केवल जमीनी स्तर पर काम करने वाले ट्राइब ऑफ नोवा कम्युनिटी एसोसिएशन से ही उन्हें मदद मिली थी।
हमास के हमले में कैसे बची थीं शिरेल गोलन?
Shirel Golan Death Case के अनुसार, शिरेल और उनका पार्टनर नोवा म्यूजिक फेस्टिवल में शामिल थे, जब 7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने हमला किया। इस फेस्टिवल में 364 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गई थी, और कई महिलाओं का अपहरण कर लिया गया था। हालांकि, शिरेल इस हमले से बच गईं थीं, लेकिन मानसिक तौर पर इस सदमे से कभी उबर नहीं पाईं।
इजराइल और हमास के बीच तनाव
हमास के हमले के बाद इजराइल ने गाजा पर जोरदार पलटवार किया। Shirel Golan Death Case के बाद, इजराइल ने हमास चीफ याह्या सिनवार और हिजबुल्लाह के कमांडरों को मार गिराने का दावा किया है। इसके साथ ही, ईरान के प्रॉक्सी हूती और हिजबुल्लाह ने भी जंग में शामिल होकर इजराइल पर हमले शुरू कर दिए हैं। इजराइल का हमला अब गाजा के साथ-साथ लेबनान तक पहुंच चुका है, जहां हिजबुल्लाह के खिलाफ अभियान जारी है।
Shirel Golan Death Case ने खोले कई मुद्दे
Shirel Golan Death Case केवल एक आत्महत्या नहीं, बल्कि यह इजराइल की सरकार और उसकी स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाने वाला मामला बन गया है। इस घटना से स्पष्ट होता है कि युद्ध और आतंकी हमलों के बाद भी पीड़ितों को उचित मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। अगर सरकार इन मुद्दों पर ध्यान नहीं देती है, तो आगे और भी लोगों को ऐसे दर्दनाक अनुभवों से गुजरना पड़ सकता है।
Shirel Golan Death Case इजराइल के लिए एक चेतावनी है कि आतंकी हमलों से बचने वाले लोगों की मानसिक और भावनात्मक सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाए। शिरेल गोलन की मौत ने यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद सिर्फ जानें नहीं, बल्कि मानसिक शांति भी छीन लेता है।
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