"Manvat Murders Web Series" इन दिनों दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है, और इसके पीछे छिपी सच्ची घटनाओं ने सभी को हैरान कर दिया है। यह सिर्फ एक काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि 1970 के दशक की एक भयानक सच्चाई पर आधारित है। सीरीज में मशहूर फिल्म निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने एक पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई है, जो महाराष्ट्र के मानवत गांव में हुई निर्मम हत्याओं की जांच करता है। इस सीरीज ने अब तक जितनी भी वेब सीरीज रिलीज हुई हैं, उनमें एक अलग जगह बनाई है। सोनी लिव पर स्ट्रीम होने वाली इस क्राइम थ्रिलर में हर सीन आपको बांधे रखता है। लेकिन यह सिर्फ थ्रिलिंग नहीं, बल्कि एक वास्तविक घटना से प्रेरित है, जिसने उस समय पूरे महाराष्ट्र को हिला कर रख दिया था।
सीरीज की कहानी: मराठवाड़ा में एक सीरियल किलर का कहर
मानवत मर्डर्स की कहानी उस समय को दर्शाती है जब 1970 के दशक में महाराष्ट्र के मराठवाड़ा स्थित मानवत गांव में महिलाएं और बच्चियां अचानक गायब होने लगी थीं। गांव में एक के बाद एक लाशें मिलने लगीं, जो इतनी बुरी हालत में थीं कि उनकी पहचान भी मुश्किल हो गई थी। इन हत्याओं का सिलसिला तब तक जारी रहा, जब तक पुलिस ने 7वीं हत्या के बाद मामले की तहकीकात शुरू नहीं की। जांच के दौरान जो खुलासा हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
10 साल की बच्ची की हत्या से शुरू हुआ मौत का तांडव
1972 में एक 10 साल की बच्ची अचानक गायब हो गई थी। कुछ दिनों बाद उसकी लाश खेतों में क्षत-विक्षत हालत में मिली। इस घटना ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया। इसके बाद धीरे-धीरे शादीशुदा महिलाओं और लड़कियों के गायब होने की खबरें आने लगीं। उनके शवों को तालाबों, कुओं और खेतों में बुरी हालत में पाया गया। हत्याओं का यह सिलसिला तब थमा जब पुलिस को पता चला कि यह कोई साधारण हत्या नहीं, बल्कि तांत्रिक अनुष्ठानों और काले जादू से जुड़ा मामला है।
काला जादू, तांत्रिक बलि और खून की प्यास
जांच के बाद पता चला कि इस हत्याकांड के पीछे एक आदिवासी महिला रुक्मणी देवी और उसके प्रेमी उत्तम राव बरहटे का हाथ था। रुक्मणी कभी मां नहीं बन सकती थी, लेकिन उसे पुत्र की लालसा थी। वहीं, उत्तम राव को सोने के लालच में एक तांत्रिक गणपत साल्वे के कहने पर मासूम बच्चियों और महिलाओं की बलि देनी पड़ी। तांत्रिक ने बताया कि अगर किसी छोटी लड़की की बलि दी जाए, तो 'मुंजा' नाम के भूत से सोने का खजाना मिल सकता है और साथ ही उन्हें औलाद का सुख प्राप्त हो सकता है।
मासूमों की बेरहमी से हत्या
इस काले जादू की प्रक्रिया के तहत सबसे पहले 10 साल की बच्ची की बलि दी गई। तांत्रिक ने इस बच्ची के गुप्तांग से खून निकालकर 'मुंजा' को चढ़ाया। लेकिन जब इससे कोई लाभ नहीं हुआ, तो गणपत ने मासिक धर्म वाली महिलाओं की बलि मांग ली। इसके बाद मासूम लड़कियों को छोड़कर शादीशुदा महिलाओं की हत्या होने लगी। इस दौरान कुल 7 महिलाओं और लड़कियों को निर्मम तरीके से मौत के घाट उतारा गया।
अपराधियों को सजा और बरी होने की कहानी
1973 में इस हत्याकांड के सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई, लेकिन रुक्मणी देवी, उसके प्रेमी और उसकी बहन समिंद्री को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। 1976 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी इन तीनों को बरी कर दिया, और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी यही फैसला बरकरार रखा। हालांकि, हत्याओं को अंजाम देने वाले चार लोगों को फांसी दी गई, जो महाराष्ट्र के पहले सीरियल किलिंग केस के रूप में दर्ज हो गया।
क्यों देखनी चाहिए 'Manvat Murders Web Series'?
Unravel the chilling tale of the case that shook the nation in the 1970s. Join special crime branch officer Ramakant Kulkarni as he investigates the series of murders and brings down the culprit in this gripping thriller.— Sony LIV (@SonyLIV) October 7, 2024
'मानवत मर्डर्स' सिर्फ एक वेब सीरीज नहीं, बल्कि सच्ची घटनाओं पर आधारित एक भयावह कहानी है, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। आशुतोष गोवारिकर का दमदार अभिनय और वास्तविकता से प्रेरित इस कहानी ने दर्शकों को पूरी तरह से झकझोर दिया है। अगर आपको क्राइम थ्रिलर पसंद हैं और आप सच्ची घटनाओं पर आधारित कहानियों का आनंद लेते हैं, तो यह सीरीज आपके लिए एक बेहतरीन अनुभव साबित होगी।
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